रजत जयंती वाद विवाद प्रतियोगिता
मेयो कॉलेज गर्ल्स’ स्कूल रजत जयंती वाद विवाद प्रतियोगिता का शुभारम्भ 26अगस्त को हुआ | हिंदी वाद विवाद में कुल 18 टीमों ने भाग लिया | 26 अगस्त को 7 बजे समूह “अ” और समूह “ब” क्रम और पक्ष विपक्ष लाटरी प्रणाली द्वारा किया गया था, जिसमें 8 स्कूल समूह “अ” और 10 स्कूल समूह “ब” में थी|
फिर अगले दिन 27 अगस्त को सुबह 8:30 बजे हिंदी वाद विवाद के विषय दिये गए| दोनों समूह के विषय अलग – अलग थे| समूह “अ” का विषय था “ परहित पर भारी पड़ती स्वार्थ की भावना” और समूह “ब” का विषय था “ पर्यावरण संरक्षण केवल कागजों तक सीमित है |” नियमों के मुताबिक़ सभी स्कूलों को 11 बजे तक अपने विषय पर तैयारी करने का समय दिया गया | उन्हें विद्यालय की तरफ से कंप्यूटर की सहायता दी गयी थी | सभी स्कूलों ने पूरी मेहनत से प्रतियोगिता की तैयारी की |
उसके बाद हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिता का पहला भाग 11:30 बजे शुरू हुआ | उसमे दो निर्णायक थे, डॉक्टर पूनम पाण्डे और श्रीमान गोविन्द भारद्वाज | दोनों ही साहित्य के क्षेत्र में लेखन कार्य में निपुण है | सभी प्रतियोगियों ने अपने विचार बड़े ही तर्कों के साथ साबित किये |
समूह “अ” में पक्ष दल से मेयो कॉलेज गर्ल्स’ स्कूल कि छात्राओं ने यह साबित किया की निस्वार्थ में भी स्वार्थ है और विपक्षी दल से संस्कार वैली के छात्र कुशाग्र ने यह साबित किया कि प्रकृति परहित का सबसे उत्तम उदाहरण है और प्रकृति के कारण ही हम जीवित है |
समूह “ब” के निर्णायक थे डॉक्टर बीना शर्मा व श्री उमेश कुमार चौरसिया | बड़े उत्साह के साथ सभी प्रतियोगियों ने अतिउत्तम प्रदर्शन दिया |
दोनों समूह से 6 टीमें दूसरे चरण के लिए चयनीय हुई |
- राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल,अजमेर
- मेयो कॉलेज गर्ल्स’ स्कूल, अजमेर
- डी.ए.वी स्कूल, हजारिबाघ
- मयूर स्कूल, अजमेर
- मेयो कॉलेज, अजमेर
- स्प्रिन्ग डेल्स, पूसा रोड